सुर्खेत: लखागिन थारु उत्थान मञ्च सुर्खेतके मूल आयोजक ओ राष्ट्रिय कलाकार मञ्च सुर्खेत, सहआयोजनाम माघ महोत्सव मनैना निर्णय पारित कैगिल बा । लखागिन थारु उत्थान मञ्च, सुर्खेतके आग्रहम बैठगिल बैठकम...

सुर्खेत: थारु भाषा, कला, संस्कृतिके विकास कर्नामा लौव अग्रसान साप्ताहिकके अग्वा रलक एक कार्यक्रमम बोल्ना बक्तहुक्र जोड डिहल बाट । लौव अग्रसान साप्ताहिकके १५ बरसम प्रवेश करल अवसरमा घोराहीम आयोजना...

मझघरान् मन्ह्‍ला

आज बद्री फे गुम्म बा । पानी पर्नासक करठ पानी फे पर निस्याकठो । जारक मार बुह्राइल बुह्राखारा पस्कक आँगीठे गिन्योर बैठल बाट । यी बरस महाजोरसे जार बह्रल...

गजल

१ काबा खै टुहार रूपम हेर्ती रनास मन लागठ काबा खै टुहार बोलीम सुन्ती रनास मन लागठ । टुहार यादम मोर आँखी रातभर जागठ टुहार यादम सद्दभर भुल्टी रनास...

मुक्तक

१ कमैयनके नम्बरी घर नै हुइन अभिन टुट्ली झोपरीम् खर नै हुइन अभिन । आँढी बयाल आके ऊ झोपरपट्टीहे, कब उराइठ कौनो भर नै हुइन अभिन । २ बेपत्ता...

सुर्खेत: हरेक बरष सम्मेलन कर्टी अइलक थारू लेखक संघ नेपालके ७औँ राष्ट्रिय थारू साहित्य सम्मेलनके कार्य समितिक असोज २९ गतेक बैठकले लुम्बिनी प्रदेशके बाँके जिल्लाम कर्ना निर्णय कर्ल बा । कार्यक्रम...

१. गोरी डराइः चाडपर्वले मनैन चौकस ओ चम्पन्न बनाइठ । हरेक जाति समुदायके आफन मौलिक तौरतरिकासे मनैना विभिन्न चाडपर्व संस्कार संस्कृति रहठ । थारु जाति फे अलग पहिचान देना...

वीरेन्द्रनगर नगरपालिका सुर्खेतम कला संस्कृति संरक्षण कर्ना उद्देश्यले थारु राष्ट्रिय कलाकार मञ्च शाखा सुर्खेत गत श्रावण २१ गतेक दिन संस्कारी पटोइह्या थारु लघुचलचित्रके विमोचन कार्यक्रम सम्पन्न हुइल रह । रामचन्द्र...

अष्टिम्की

टिकी टिकी अष्टिम्की आऊ बाबु आऊ झिकिरमिकर महतान बह्री टिकी करे आऊ । लौव लौव लुगा बाबु झट्टेहे लगाऊ , झकरमकर दिया बार्ख मिठ गीत सुनाऊ ।। मन्ड्रया डाडु...

थारु भाषाके मानकीकरण

पृष्ठभूमिः थारु नेपालके सबसे पुरान आदिबासी हुइ लेकिन फेन हमार थारु भाषाके मानक नै हो । यिहे कारणसे थारु भाषामे मैथिली, अवधि, भोजपुरी, नेपाली, हिन्दी ओ अंग्रेजी भाषाके प्रभाव...

गजल

टेंर्ह्वा हर पकरके बाबा फे बनशल कमैय क ख रा नै पहर्के छावा फे बनल कमैया आघे–पाछे घुम्टि हाँ हजुर कहटी–कहटी गुलामी करकर्के काका फे बनल कमैया स्कुल पर्हे...

थारु जाति नेपालके पुरुब मेचीसे पश्चिउ महाकालीसम तराई तथा भित्री मधेशके भूभागम सदियोसे बसोबास कर्टि आइल बाट । हरेक जातजातिके आआफन थर उपथर वा गोत्रसम्बन्धी मिथक, किंवदन्ती रहठ । थारुनके फे...