गजल

सागर कुस्मी

मोरिक जिन्गीम् डरार पारके नाजाउ ।
झन्डीमन्डी अपन डेरा सारके नाजाउ ।

टुुँ पहुनी मै लेलाहारा रटिरटि फेंन आब,
बिना लेलाहारक् मोट्री पारके नाजाउ ।

गोंरी सिर्हठ्ठा सामाजामा कर्टी कर्टी फें,
अँगियाँ चोलिया भौंकम् ढारके नाजाउ ।

टोहाँर मोर मिलनके बजरा केवँरियाँ,
सदादिन नेंगना डगर फारके नाजाउ ।

लौट्टी रहल टोहाँर मोर प्यारके फुन्गी,
बोटिया चोटियामे झारके नाजाउ ।

जोरिया बने नैसेक्लुँ टे काहुइल ढानी,
जैबो टे जाउ मने मैंयाँ मारके नाजाउ ।

प्रकाशित मितिः   १३ मंसिर २०८०, बुधबार ०५:०२