बाल कविता

अष्टिम्की

टिकी टिकी अष्टिम्की आऊ बाबु आऊ
झिकिरमिकर महतान बह्री टिकी करे आऊ ।
लौव लौव लुगा बाबु झट्टेहे लगाऊ ,
झकरमकर दिया बार्ख मिठ गीत सुनाऊ ।।

मन्ड्रया डाडु हमहन छुनुक छुनुक नचाऊ,
कान्हा भगुमान सिलिरसिलिर मुरली बजाऊ ।
छुटी छुटी बाबु हुक्रे अष्टिम्किक गीत गाऊ,
भुख लागता कि नाही नाठाग्के बताऊ ।।

भदओक महिना पानी परे झाऊ झाऊ,
आष्टिम्की टिके बाबु दुरदुरसे आऊ ।
डाडुभइएन खुवैना अग्रासन पुगाऊ,
ब्रत बैठख दिदी भैयक मैगर सम्बन्ध बनाऊ ।।

-सलिन चौधरी (वीरेन्द्रनगर–२, लौवस्ता, सुर्खेत)

प्रकाशित मितिः   ८ भाद्र २०७९, बुधबार ०५:०२