डुलरवा छावा

    ‘अइ ! उ लवन्डा हेरो कैसे–कैसे करटा ?’ ‘अइ ! के हो ?’ ‘के रहि, सझ्लान बर्किक छुट्कि डुलरुवा छावा हुइन्, उहे हरबरिया, के रहि ।’ ‘यि, डबवा...

  अटवारी, थारू समुदायके महान् चाड माघ पाछेक दोसर भारी पर्वके रूपमे मानजाइठ । यी पर्वमे खास कैके पुरुषहुक्रे निराहार व्रत बैठके मनैठैं । यद्यपि, स्वेच्छा कोइ महिलाहुक्रे फेन...

नेपाल चार वर्न, छट्टिस जाटके फुलवारि हो । यहाँ मेरमेरिक जाटजाटिनके आ–आपन किसिमके लवाइ खवाइ, चाल–चलन ओ टर–टिउहार फेन अप्ने किसिमके बा । माघ थारु जाटिनके सबसे बर्का ट्युहारके रूपमे मान...