मातृभाषा व अन्तर्राष्ट्रिय भाषा
घोराही उपमहानगर पालिकासे थारु भाषाह सरकारी कामकाजी भाषाके रूपम प्रयोग कर्ना निर्णय कर्लक ५ बरष पुग स्याकल । सर्वप्रथम थारु भाषाह सरकारी कामकाजी भाषाके रूपम प्रयोग कर्ना निर्णय बाँसगढी नगरपालिका बर्दियासे कैगिलरह । बारबर्दिया नगरपालिका बर्दियासे फे घोषणा कैल बा कलसे दाङ, बाँके, बर्दिया, कैलाली ओ कन्चनपुरके थारु बहुुल क्षेत्रक नपा ओ गापासे फे यी कार्यका लाग तदारूपता डेखैटि बाट । पाछक् जनगनणा (०६८) अनुुसार १७,३७,४७० जनसंख्या रलक, नेपालके कुुल जनसंख्याके ६.५ प्रतिशत ओगट्ना थारु भाषा नेपाली, मैथली ओ भोजपुुरी पाछके चौथो भारि भाषिक समूहके लाग यी खुुशी ओ गर्बके बात हो । ओस्टक स्थानिय चुनावके लगत्तै मिति २०७४ साल असोज ११ गते नेपालके संविधान थारु भाषम आधिकारिक अनुुवाद कैख प्राचिन सृजनशिल अदिवासी समाज बर्दियासे विमोचन कैख नेपालके इतिहासम पहिला स¥हानीय काम कर्लक् हो ।
असिन अवस्थाम हम्र अन्तराष्ट्रिय मातृभाषा दिवस मनैली । यी बर्षके अन्तराष्ट्रिय मातृभाषा दिवस (२०१८) के मुख्य नारा ‘भाषिक विधिता ओ बहुभाषिकता मार्फत दिगो सम्वृद्धि’ कना नारा बा । भाषिक–सांस्कृतिक रूपम सम्पन्न निहोक प्राप्त आर्थिक विकासलेकेल समवृद्धि दिगो नै हुइट ओ पहिचान फे सम्माजनक ओ बल्गर नै रहट । यीहिह विगतक हमार अभ्यास ओ अनुभवसे फे पुष्टि कै सेक्ल बा । स्थानीय सरकार बनलपाछ मातृभाषाह स्थानीय तहम सरकारी कामकाजके भाषा बनैना संबैधानिक व्यवस्था हुइलसे फे वाकर प्रभावकारी कार्यान्वयन हुइन निस्याकल अवस्था बा । स्थानिय सरकारफे सकारात्मक प्रयास ओ तदारूकताह सफल कसिक बनैना ओ असफल हुइल खबरह प्राथमिकता पाइबेर देशम मातृभाषाके प्रयोग ओ विकासप्रति सकारात्मक वातावरण तयार हुइ निस्याकल हो । सक्कुजहनके लाग गुणस्तरीय शिक्षा सुनश्चित कर्ना शिक्षाम मातृभाषाके प्रयोग कर पर्ठा कना आवाज उठैइनासे फे अङ्ग्रेजी भाषाह सक्कु तहम माध्यम भाषा बनैना होडबाजी चलबेर मातृभाषा त का नेपाली भाषाके प्रयोग फे नै हुइना सृजना हुइटि बा ।
नेपालम सिमाठेसे भाषिक–सांस्कृतिक अतिक्रमण बहर्टि बा । उहओर्से आलोचना वा समस्या डेखैना केलि निहोक समस्या समाधानम फे सहयोगी बन्न ठीक समय बनल बा । शिक्षाम भाषाके प्रयोग वा भाषिक मानवअधिकारके पक्षम वकालतसंग याकर प्रभावकारी कार्यान्वयनक् लाग लगानी जुटैइना फे सहकार्य हुइल बा । राज्यसे घोषणा केल निहोख भाषा, शिक्षा ओ विकासक क्षेत्रम संलग्न सम्भावित साझेदार (व्यक्ति, संस्था तथा दातृ संस्थासे पहिचान कर्टि सहकार्यके लाग नीति, योजना ओ प्रस्ताव आन्ख लगानी जुटैना आवश्यक बा । मातृभाषाह सरकारी कामकाजी भाषा बनैइना बातह घोषणाले नै पुगट याकर पुर्व हमार मनस्थिति ओ देशके परिस्थिति फे सकारात्मक बनाइपर्ठा ।
घोराही उपमहानगरपालिकाके सकारात्मक कदमके कार्यान्वयनम हमार भूमिका आलोचना कर्नाकेल सिमित निहोख सहयोगि बन पर्ठा । भाषा प्रयोग कर्ना लौव पुस्ता तयार निकर्ना होकलसे और प्रयासलेकेल हमार भाषा तथा संस्कृति नै रहि । उहमार हम्र मातृभाषा दिवस मनाईबेर समस्याके पहिचान कैख कैल नै पुगि । याकर समस्या दिगोरूपकम समाधान कसिक कर्ना कना सवालम फे योगदान डिहकलाग मानसिक रूपम तयार हुइपर्ठा । हम्र मातृभाषाके विकास, स्तरीकरण ओ प्रयोग कसिख कर्ना कना प्रश्नह केन्द्र भागम ढैख छलफल ओ बहस चलाइ पर्ठा । बहस स्वस्थ्य ओ सकारात्मक अनि संवैधानिक व्यवस्था, हमार मनस्थिति ओ परिस्थितिम केन्द्रीत हुइपर्ठा कना उद्देश्यले यी छोटि आधार पत्र तयारी कैगिल बा ।
क. संवैधानिक व्यवस्था ओ वास्तविकता
नेपालम सदियासे चल्टि अइलक् भाषागत आन्दोलनक मागह २०७२ सालम अइलक नेपालके संविधानसे संबोधन सम्बोधनपाछ मानवाधिकारक विश्वव्यापी घोषणा पत्र ओ अन्तराष्ट्रिय महासन्धीम व्यवस्था कैख भाषा ओ पहिचानके मद्दा संस्थागत हुइल बा । नेपालके संविधानम भाषाधिकार सम्वन्धम तपसिलक व्यवस्था रहल बा ।
नेपालके संविधानके धारा ६ म नेपालम बोलजैना सक्कु भाषा राष्ट्र भाषा हो कैख उल्लेख कैल बा । ओस्टक धारा ७ (१) म देवना गरी लिपीम लिख्जैना नेपाली भाषा नेपालके कामकाजके भाषा हुइने बा । ७ (२) म नेपाली भाषाके सँगसँग प्रदेशसे आपने प्रदेशभिट्टर बहुुसंख्यक जनता बोलजैना एक वा एक से ध्यार भाषाह प्रदेशके कानूून अनुुसार प्रदेश सरकारके कामकाजक भाषा निर्धारण कर सेक्जाई । धारा ३१ (४) दृष्टिविहीन नागरिकह बे्रललिपि तथा बहिरा ओ स्वर वा बोलाइ सम्बन्धी अपांगता हुइलक् नागरिकह सांकेतिक भाषाके माध्यमसे कानून बमोजिम निःशुल्क शिक्षा पइना हक हुइने बा । धारा ३१ (५) नेपालम बसोबास कर्ना प्रत्येक नेपाली समुदायह कानून बमोजिम आपन मातृभाषाम शिक्षा पइना ओ वाकरलाग विद्यालय तथा शैक्षिक संस्था ख्वाल ओ सञ्चालन कर पैना हक रहि ।
ओस्टक धारा ३२ (१) प्रत्येक व्यक्ति ओ समुदायह आपन भाषा प्रयोग कर्ना हक हुइने बा । ३२ (२) प्रत्येक व्यक्ति ओ समुदायह आपन समुदायके सांस्कृतिक जीवनम सहभागी हुइना हक हुइने बा । उपधारा (३) नेपालम बसोबास कर्ना प्रत्येक नेपाली समुदायह आपन भाषा, लिपि, संस्कृति, सांस्कृतिक सभ्यता ओ सम्पदाके संवर्धन ओ संरक्षण कर्ना हक हुइने बा । धारा ४७ म संविधान प्रदत्त हकके कार्यान्वयनक लाग आवश्यकता अनुसार राज्यसे यी संविधान प्रारम्भ हुइलक तीन वर्षभिट्टर कानूनी व्यवस्था कैजिने बा । राज्यक निर्देशक सिद्धान्त, नीति तथा दायित्व (ग (६) म देशके सांस्कृतिक विविधता कायम ढर्टि समानता एवम् सहअस्तित्वक आधारम मेरमेह्रिक जातजाति ओ समुदायके भाषा, लिपि, संस्कृति, साहित्य, कला, चलचित्र ओ सम्पदाके संरक्षण ओ विकास कर्ना, (ग (७)म बहुभाषिक नीति अवलम्बन कर्ना । (ञ (८) म आदिवासी जनजातिके पहिचान सहित सम्मानपूर्वक बाँच पैना अधिकार सुनिश्चित कर्ना अवसर तथा लाभके लाग विशेष व्यवस्था कर्र्टि यी समुदायसँग सरोकार ढर्ना निर्णयम सहभागी करैना तथा आदिवासी जनजाति ओ स्थानीय समुदायके परम्परागत ज्ञान, सीप, संस्कृति, सामाजिक परम्परा ओ अनुभवह संरक्षण ओ संवर्धन कर्ना, (ञ (९) म अल्पसंख्यक समुदायह आपन पहिचान कायम ढर्ना सामाजिक ओ सांस्कृतिक अधिकार प्रयोगके अवसर तथा लाभक लाग विशेष व्यवस्था कर्ना ब्यवस्था कैगिल बा ।
ख. पहिचानक लाग मातृभाषा
नेपालके संविधान हरेक नेपाली नागरिक ओ समुदायके पहिचानक सन्दर्भम विशेष नीतिके व्यवस्था कैगिल बा । भाषिक–सांस्कृतिक विविधताब ीच बल्गर एकता ओ सहकार्य कर्ना प्रेरित फे कैगिल बा । प्रस्तावनासे बहुजातीय, बहुभाषिक, बहुधार्मिक, बहुसांस्कृतिक तथा भौगोलिक विविधतायुक्त विशेषताह आत्मसात् कैख विविधता बीचके एकता, सामाजिक सांस्कृतिक ऐक्यबद्धता, सहिष्णुता ओ सद्भावह संरक्षण एवम् प्रवद्र्धन कर्ना ओ वर्गीय, जातीय, क्षेत्रीय, भाषिक, धार्मिक, लैंगिक विभेद ओ सक्कु प्रकारके जातीय छुवाछूतके अन्त्य कैख आर्थिक समानता, समृद्धि ओ सामाजिक न्याय सुनिश्चित कर्ना समानुपातिक समावेशी ओ सहभागितामूलक सिद्धान्तके आधारम समतामूलक समाजके निर्माण कर्ना संकल्प कैगिल बा ।
आर्थिक तथा सामजिक रूपम बल्गर देशहुक्र अन्य देशहुकन कमजोर बनइना भाषाके उप्पर अतिक्रमण प्रभावकारी बनैना रहट कलसे विश्वके दृष्टिकोण बुझकलाग हम्र बहुट भाषा जान पर्ठा । यीहिम सन्तुलन मिलाइना काम देशके संविधान, शिक्षा व्यवस्था, नीति ओ राजनीतिके भूमिका प्रधान रहट । तर नेपालम शिक्षा व्यवस्थासे लेक नीति ओ राजनीति यी खाले सन्तुलन मिलैइना सवालम लगभग असफल डेखपरठ ।
पश्चिमओंर अंग्रेजी, दक्षिणओंर हिन्दी अनि उत्तरतिरओंर चिनियाँ भाषा तथा संस्कृतिके प्रभाव ओ दबाव बह्रबेर संविधानम ज्या जसिन व्यवस्था हुइलसे फे सुस्ट सुस्ट हमार नेपालीनके मौलिक पहिचान, क्षमता ओ विशिष्टता लोप हुइना परिस्थिति विकास हुइटि बा । उहआर्से स्थानीयसे केन्द्रीय सरकारक सहकार्य ओ प्रयासम हमार भाषिक–सांस्कृतिक विविधता बचैटि सम्वृद्धिके यात्रा सुरू करकलाग् राजनीतिकर्मीहुक्र विचारप्रति प्रतिबद्ध ओ पेसाकमीहुक्र पेसाप्रति इमान्दार हुइपरल ।
ग. शैक्षिक नीति, नागरिक दायित्व ओ नेतृत्वके कार्यभार
शैक्षिक, सामाजिक ओ राजनीतिक व्यवस्थाके चरित्रले नागरिक ओ नेतृत्वके चिन्तन ओ व्यवहारके स्तर निर्धारण कर्ना करट । उहओर्से ‘असल पात्रह नेतृत्वम पुगाइक्लाग सबसे पहिला नेतृत्व छन्ना नागरिक असल बनपर्ठा । बदनाम नेतृत्वके आलोचना कैख असल नेतृत्व नै पाजैठ् ।’ हम्र बुझहि पर्ठा ‘सम्वृद्धिके मुख्य आधार असल नागरिक ओ नेतृत्व हो । असल नागरिक ओ नेतृत्व बन्ना मुख्य माध्यम शिक्षा हो । असल नेतृत्व दिगो विकासके पूर्वाधार हो ।’
आब फे नेपालम एकओंर भाषिक, आर्थिक ओ भौगोलिक कारणसे कैयौं बालबालिकाहुक्र औपचारिक शिक्षासे बञ्चित बाट कलसे औंरओर राज्यसे संवैधानिक व्यवस्था गरेबमोजिम शिक्षा व्यवस्थाम परिवर्तन, पाठ्यक्रमम सुधार ओ शैक्षिक जनशक्ति तयार नैकर सेक्क शैक्षिक स्तर खस्कटि ओ विद्यालय छोर्ना सङ्ख्या बहर्टि बा । उहमार सक्कजहनके लाग गुणस्तरीय शिक्षासमके पहुँच सहज बन नै स्याकल हो । हमार नागरिकके व्यवहार फे विरोधाभासपूर्ण बा । यी कसिक कलसे हमै एकओंर भाषिक सांस्कृतिक पहचिान चाहटि अनि स्थानीय भाषाह सरकारी कामकाजके भाषा बनाइ पर्ना वकालत करटि औंरओंर पूर्व प्राथमिक कक्षासे जो अङ्ग्रेजी भाषाके माध्यमसे पठनपाठन कर्नाम रमाइटि । हमार अपेक्षा ओ व्यवहारम तालमेल डेख नै परल । राज्यसे फे जिम्मेवार ढङ्गले मातृभाषाके विकास ओ प्रयोगह व्यवस्थित बनइनाम फे अलमल्याइना नीति अख्तियार कर्टिरहल । ज्याकर कारणल ढयार घोषणा कार्यक्रम समिति हुइल बा ।
हम्र बुझ पर्ना बात काहो कलसे, सामुदायिक विद्यालयके शैक्षिक गुणस्तर नीजिके तुलनामा काजे कमजोर हुइल ? यीहिसे फे हम्र शिक्षाका समग्र गुणस्तरक बारेमा बहस चलइना आवश्यक बा । सामुदायिक विद्यालयके दाँजोम शैक्षिक उपलब्धि मजा मन्जैनाम सक्कु नीजि विद्यालयके स्तर फे स्तरीय जो बा कैख बल्गर आधार नै हो । काजेकी सिर्जनात्मक पक्ष हेराइल, आपन मौलिकपनह छोर्गिल ओ कण्ठक केल कैगिलक शैक्षिक उपलब्धिके कौनो अर्थ नै रहट । अङ्ग्रेजी भाषाक माध्यमसे पह्रैना अनि पश्चिमा संस्कृति ओ जीवनशैली सिकैइना शिक्षालय एकऔंर हमार भाषा संस्कृतिप्रति लौव पुस्ताह विकर्षण पैदा कैगिल बा कलसे औंरओंर भाषिक–सांस्कृतिक अतिक्रमण बहैल हमार विविधतासहितके पहिचान संकटम पर्टि गैइल बा ।
ओरौउनिम
आबके परिपेक्षम शिक्षा व्यवस्थाम हुइलक गलत नीति ओ अभ्यासले मातृभाषा केल निहोख बल्गर रूपम स्थापित होसेक्लक नेपाली भाषा फे सुस्ट सुस्ट अङ्ग्रेजीसे बिस्थापित कर्टि बा । भाषिक नीतिम पुनरावलोकन कर्टि मेरमेह्रिक भाषा (मातृभाषा, नेपाली भाषा ओ अङ्ग्रेजी वा अन्य अन्तराष्ट्रिय भाषा) के प्रयोगम सन्तुलन कायम कर्टि नीति ओ कार्यक्रम आन पर्ठा । जहाम स्थानीय ओ राष्ट्रिय परिवेस अनि आवश्यकतासँग अन्तर्राष्ट्रिय परिवेसम हमन आघ बहर्ना सहयोग पुग्ठा । हम्र मनन करहिपर्ठा, हमार क्रियाकलापह सु–विचार ओ क्षमताबीच सन्तुलन मिलाख आघ बह्र निसेक्जैना हो कलसे हमन गलत डगर ओ डो¥याइ । उहमार आझुसे हम्र नेपालके दिगो सम्वृद्धि, नेपालीक खुसी अनि सम्मानह विशिष्ट बनइना दृष्टिकोणक साथ राजनीतिक, आर्थिक ओ शैक्षिक नीति ओ कार्यक्रमके विकास ओ कार्यान्वयन कर्टि आघ बहर्ना सङ्कल्प कर्र्ना ठीक समय हुइल बा । नेपालम सदियासे चल्टी अइलके भाषागत आन्दोलनक मागह २०७२ सालम अइलक नेपालके संविधानसे संबोधन करलपाछ मानवाधिकारके विश्वव्यापी घोषणा पत्र ओ अन्तराष्ट्रिय महासन्धीम व्यवस्था कैख भाषा ओ पहिचानके मद्दा संस्थागत कैगिल बा, यी भारी अवसर हो । विगतक गलत अभ्यास ओ अनुभव वा असफलतासे सिक्ख सफलताके आधार तयार कर्ना परिस्थिति बनइना आझुक आवश्यकता हो ।
पृष्ठ संयोजकः मानबहादुर चौधरी, पत्राचारके लाग ठेगानाः इमेल: [email protected], [email protected] र मो.न.: ९८४८०४०८८०
प्रकाशित मितिः १३ बैशाख २०८०, बुधबार ०७:१०
साझा बिसौनी ।